Sunday, September 16, 2007

25 comments:

admin said...

नाइस फोटो।

mark rai said...

beautiful photo. aapaka mere article slum ....slumdog par comment padh kar achha laga. hame really unake liye aur kuchh karana chahiye.

Poonam Agrawal said...

Beautiful couple.....Hope to see more n more.....

Regards

Science Bloggers Association said...

इसे अपडेट भी करें।
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किस्म किस्म के आम
क्या लडकियां होती है लडको जैसी

Akshitaa (Pakhi) said...

Looking cute.



पाखी के ब्लॉग पर इस बार देखें महाकालेश्वर, उज्जैन में पाखी !!

हरकीरत ' हीर' said...

ब्लॉग पर आने का शुक्रिया .....आप दोनों यूँ ही तसवीरें खिचवाते रहे.....!!

Vikas Kumar said...

apke vichar mujhe apne blog pr dikha....shukriya
achhiphoto hai....

Vinashaay sharma said...

सुन्दर चित्र,आपकी रचना पड़्ने का प्रयत्न किया,पर सफ्ल नहीं,हुआ क्रिपया उसका नाम बतायें ।

रश्मि प्रभा... said...

natural

Unknown said...

gr8 looking so beautiful

संजय भास्‍कर said...

ब्लॉग पर आने का शुक्रिया .....आप दोनों यूँ ही तसवीरें खिचवाते रहे.....!!

Sanjay kumar
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

ज्योति सिंह said...

haste haste kat jaaye raste zindagi yoon hi chalti rahe .beautiful

Tapashwani Kumar Anand said...

bahut bahut dhanyawad ma'm
aap ne jo bhi bataya maine usame yatha sambhav sudhar kar liya hai,
aage bhi apna pyar isi prakar baye rakhiga

Aapka apna
Tapashwani K Anand

Pushpendra Singh "Pushp" said...

bahut khub post
abhar

Anonymous said...

achi tasveer hai..
thanks for sharing...

Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....

A Silent Silence : Zindgi Se Mat Jhagad..

Banned Area News : Zac Efron says he's one woman guy

कुमार अभिषेक ''अर्णव'' said...

thnx for visit my blog http://biharicomment.blogspot.com

कुमार अभिषेक ''अर्णव'' said...

thnx for visit my blog http://biharicomment.blogspot.com

कुमार अभिषेक ''अर्णव'' said...

thnx for visit my blog http://biharicomment.blogspot.com

ZEAL said...

.

Beautiful pic !

Regards to both of you.

.

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

photo achchi lagi .
-gyanchand marmagya

SHAYARI PAGE said...

ब्लॉग पर आने का शुक्रिया...

prajakta patil said...

Thanks Asha tai for the compliments .
if you want chinese recipe please refer 2007 and 2008 blog post.

virendra sharma said...

।कविता मुझ जैसे आलसीयों के लिये ही है। ..........आलसियों ............बहुवचन बनाते वक्त ईकारांत का इकारांत हो जाता है .ई का इ.

अजी !पति तो हर हाल छोटा ही होता है (ह्रस्व )पत्नी होती है दीर्घा ............पति ......पत्नी .

श्री काले ने अपनी लंबी अस्वस्थता के होते हुए भी केवल इच्छाशक्ती........(शक्ति )...... के बल पर इसे पूरा किया और इसे प्रकाशित भी किया । शक्ति ..........

किसी नामचीन के काव्य को ब्लोगांकित करना भागीरथ प्रयत्न है आपका .आभार .

virendra sharma said...

ब्लॉग जगत में अनुनासिक की अनदेखी

अनुस्वार ,अनुनासिक की अनदेखी अपनी नाक की अनदेखी है .लेकिन नाक पे तवज्जो इतनी ज्यादा भी न हो

कि आदमी का मुंह ही गौण हो जाए .

भाषा की बुनावट कई मर्तबा व्यंजना में रहती है ,तंज में रहती है इसलिए दोस्तों बुरा न मनाएं .



आदमी अपने स्वभाव को छोड़ कर कहीं नहीं जा सकता .ये नहीं है कि हमारा ब्लॉग जगत में किसी से द्वेष है

केवल विशुद्धता की वजह से हम कई मर्तबा भिड़ जाते हैं .पता चलता है बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया .अब

डाल दिया तो डाल दिया .अपनी कहके ही हटेंगे आज .

जिनको परमात्मा ने सजा दी होती है वह नाक से बोलते हैं और मुंह से नहीं बोल सकते बोलते वक्त शब्दों को

खा भी जातें हैं जैसे अखिलेश जी के नेताजी हैं मुलायम अली .

लेकिन जहां ज़रूरी होता है वहां नाक से भी बोलना पड़ता है .भले हम नाक से बोलने के लिए अभिशप्त नहीं हैं .

अब कुछ शब्द प्रयोगों को लेतें हैं -

नाई ,बाई ,कसाई ......इनका बहुवचन बनाते समय "ईकारांत "को इकारांत हो जाता है यानी ई को इ हो जाएगा

.नाइयों ,बाइयों ,कसाइयों हो जाएगा .ऐसे ही "ऊकारांत "को "उकारांत " हो जाता है .

"उ " को उन्हें करेंगे तो हे को अनुनासिक हो जाता है यानी ने पे बिंदी आती है .

लेकिन ने पे यह नियम लागू नहीं होता है .ने को बिंदी नहीं आती है .बहने ,गहने पे बिंदी नहीं आयेगी .लेकिन

मेहमानों ,पहलवानों ,बहनों पे बिंदी आयेगी .

ब्लॉग जगत में आम गलतियां जो देखने में आ रहीं हैं वह यह हैं कि कई ब्लोगर नाक से नहीं बोल पा रहें हैं मुंह

से ही बोले जा रहें हैं .

में को न जाने कैसे मे लिखे जा रहें हैं .है और हैं में भी बहुत गोलमाल हो रहा है .

मम्मीजी जातीं "हैं ".यहाँ "हैं "आदर सूचक है मम्मी जाती है ठीक है बच्चा बोले तो लाड़ में आके .

अब देखिए हमने कहा में हमने ही रहेगा हमनें नहीं होगा .ने में बिंदी नहीं आती है .लेकिन उन्होंने में हे पे बिंदी

आयेगी ही आयेगी .अपने कई चिठ्ठाकार बहुत बढ़िया लिख रहें हैं लेकिन मुंह से बोले जा रहें हैं .नाक का

इस्तेमाल नहीं कर रहें हैं .

यह इस नव -मीडिया के भविष्य के लिए अच्छी बात नहीं है जो वैसे ही कईयों के निशाने पे है .

मेरा इरादा यहाँ किसी को भी छोटा करके आंकना नहीं है .ये मेरी स्वभावगत प्रतिक्रिया है .

कबीरा खड़ा सराय में चाहे सबकी खैर ,

ना काहू से दोस्ती ना काहू से वैर .

alka mishra said...

कुछ कहते नहीं बन रहा ,आप मेरी भावनाओं को ही समझ लीजिए.